पिरो ले माहि
यादें आसमान में ;
रंग भरेगी ये
कल की फुहार में |
आ दूर चल इनकी पुकारों से
पुराने वादों के ताजे घावों से;
समेत ले बिखरे हुए ख्वाबों को
आएँगी राते फिर से इन्हें सजाने को |
क्या खोया तुने, उसे जोड़े क्यों
टूटे शीशों में खुद को खोजे क्यों
समय की लहरों में इन्हें बह जाने दे
जल कर राख इन्हें हो जाने दे
ये बैठे तो तू चल दे
ये थकाए तो तू हंस दे
सुना इन्हें कहानिया कुछ नयी सुबह की
बयान कर फसाने उन सुनहरी रातों के
पिरो ले माहि
यादें आसमान में ;
रंग भरेगी येही
कल की फुहार में |
यूँ ही खेल खेले ज़िन्दगी
कभी आये जाए
कभी मुस्कुराएं
यह ज़िन्दगी |
ज़िन्दगी............
यादें आसमान में ;
रंग भरेगी ये
कल की फुहार में |
आ दूर चल इनकी पुकारों से
पुराने वादों के ताजे घावों से;
समेत ले बिखरे हुए ख्वाबों को
आएँगी राते फिर से इन्हें सजाने को |
क्या खोया तुने, उसे जोड़े क्यों
टूटे शीशों में खुद को खोजे क्यों
समय की लहरों में इन्हें बह जाने दे
जल कर राख इन्हें हो जाने दे
ये बैठे तो तू चल दे
ये थकाए तो तू हंस दे
सुना इन्हें कहानिया कुछ नयी सुबह की
बयान कर फसाने उन सुनहरी रातों के
पिरो ले माहि
यादें आसमान में ;
रंग भरेगी येही
कल की फुहार में |
यूँ ही खेल खेले ज़िन्दगी
कभी आये जाए
कभी मुस्कुराएं
यह ज़िन्दगी |
ज़िन्दगी............