आज दिल उदास हैं,
न जाने किस की आस हैं
jack daniels तुम्हारी class हैं
पीकर उसे भी ज़िंदा यह प्यास हैं !
सोचा था तुमने,
दोस्तों का साथ होगा,
यह सफ़र खुश-गवार होगा
मुहब्बत में इकरार होगा,
तुम्हारा भी एक मुकाम होगा !
पर आज,
दर्द में सीना हैं,
सोचना हैं क्यों जीना हैं
आँखों में अँधेरा हैं,
इस रात का क्या कोई सवेरा हैं ?
क्यों सोचता हैं दिमाग
की पतंग की डोर कट गयी (emphasis)
एक बेवफा के इनकार से
तुम्हारी मुहब्बत की शमा बुझ गयी !
इस महफिल को अपनी हंसी से सजाओं,
दिल में एक तरंग बजाओं,
अपनी आसमान सी सूनी ज़िन्दगी में
तुम 'चाँद' और 'सितारे' लाओ!
जब दिल होता हैं उदास,
होती है उसे
इक तमन्ना की तलाश,
jack daniels हैं तुम्हारी क्लास,
दो peg के बाद
रहता नहीं कोई निराश,
मंजिल है तुम्हारी बहुत पास,
पूछ लो किसी हसीं साकी से
क्या बुझायेगी तुम्हारे मन की प्यास ?
These lines have been written for a friend from IIM Lucknow Navneet Arora, dedicated to his Google talk status message on 7th October 2009
Adios,
Anuj Lakhotia
Thursday, October 08, 2009
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