तेरे इंतज़ार में जल जाता हूँ
तुझसे मिलकर पिघल जाता हूँ, बह जाता हूँ
दीवाना हूँ , परवाना हूँ
शमा तेरी दीवानगी में ज़िन्दगी जी जाता हूँ !
तू प्यास हैं , बादल हैं , बरसात हैं ,
तू पवन हैं , खुशबु हैं , सांस हैं
तू धड़कन हैं , जुबान हैं , जज्बात हैं
इस मुसाफिर और तेरी जो यह मुलाक़ात हैं
ज़िन्दगी भर की एक सौगात हैं !
आज दिल को निचोड़ना चाहा हैं
किश्ती को साहिल पार ले जाना चाहा हैं
खुद को तुझमे भूलना चाहा हैं
जैसे धरती को सावन से मिलाना चाहा हैं |
बेपनाह प्यार का एक मज़ा हैं
फनाह होने का एक मज़ा हैं
रब की यही रजा हैं
की मोहब्बत ज़िन्दगी का मज़ा हैं |
Wednesday, May 26, 2010
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